हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं।जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।
सवाल: क्या नमाज़ में क़ुनूत के ज़िक्र को ऊँची आवाज़ में पढ़ना मुस्ताहब हैं?
उत्तर:कुनूत को ऊंची आवाज़ में पढ़ना मुस्ताहब है शिवाय मामूम के लिए (नमाज़े जमाअत में) जबकी उसकी आवाज़ इमामें जमाअत तक पहुंच रही हों